सी एन आई न्यूज़ के लिए पुरुषोत्तम जोशी
छत्तीसगढ़ का यह लोक नृत्य कार्तिक माह के प्रबोधिनी एकादशी से शुरू होता है,यह शौर्य नृत्य है, छत्तीसगढ़ में इसका विशेष महत्व है।
राउत नाचा पुरुषों द्वारा किया जाता है, जिसमें उम्र का बंधन नहीं होता।
राउत नाचा की वेशभूषा कलाकारों के लिए बहुत रंग बिरंगी होती है।
हाथों में सजी हुई लाठी लेकर टोली में नाचते गाते हैं।
हर घर में टोली के रूप नृत्य का प्रदर्शन कर उनकी समृद्धि की कामना करते हैं।
राउत नाचा में भगवान श्रीकृष्ण के चंचल व्यवहार का वर्णन करते है।
राउत नाचा दीपावली उत्सव के 7 दिनों के लिए मनोरंजन का लोकप्रिय रुप है।
आज शहर के प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर डंगनिया में सैकड़ों की संख्या लोकनृत्य की प्रस्तुति दी,जिसका क्षेत्रवासीयों ने उत्साह वर्धन में स्वागत किया।
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