संजू महाजन के साथ सोमेश लहरें की रिपोर्ट
राज्य सरकार द्वारा 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू कर दिया गया साथ ही प्रबंधकों और ऑपरेटरों द्वारा हड़ताल आदि की समस्याएं सामने आ रही है।
जबकि समिति प्रबंधकों द्वारा सुखत के प्रबंधन में राहत देने की लिए पिछले 6 महीने से मांग कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस विषय पर किसी तरह की परिणाम नही आ पाया है। जबकि बचे हुए समय में राज्य सरकार को रास्ता निकालना था।
सहकारिता सभापति विप्लव साहू ने गंडई क्षेत्र में समिति के दौरे किये। और कहा कि 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू करना जल्दबाजी है। जबकि इस साल लगातार बारिश हुई है। 2020 में भी आधे तैयारी के कारण धान दस महीने तक उपार्जन केंद्र में पड़ा रह गया था। जबकि खरीदी केंद्र से धान उठाव का नियम 72 घंटे का है। शासन और विपणन विभाग की लचर व्यवस्था के कारण राज उसको अरबों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। आज भी कहीं कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, और धान खरीदी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों से अपील है कि थोड़े धैर्य रखते हुए धान को सुखाकर मंडी तक लाये, रकबा के अनुसार सबकी खरीदी होगी।
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