सी एन आई न्यूज़ के लिए पुरुषोत्तम जोशी
मान्यताओं के अनुसार देव उठनी एकादशी के दिन श्री हरि भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से जागते हैं।
इस दिन भगवान श्री विष्णु के शालीग्राम अवतार का तुलसी जी के साथ विवाह कराया जाता है।
मान्यताओं के अनुसार इस दिन से सारे मांगलिक एवं शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है।
देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार का तुलसी जी से विवाह संपन्न कराया जाता है।
यह जीवन के सभी तरह के कष्टों से छुटकारा दिलाकर जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने में सहायक होता है। और भगवान की कृपा और आशीर्वाद मिलता है।
गन्ने का मंडप सजाकर किया जाता है, तुलसी जी का विवाह।
आंगन को गोबर से लीपकर पवित्र किया जाता है, आकर्षक रंगोली सजाकर, गन्ने का मंडप सजाया जाता है। और पूरे विधि -विधान विवाह संपन्न किया जाता है।
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