पिथोरा_पिथौरा शहर के भूतपूर्व फौजी जय प्रकाश मिश्रा अंटार्कटिका में 409 दिन रह कर सकुशल पिथौरा वापस आने पर आतिशबाजी एवं गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया
हमारे पिथौरा के लिए अत्यंत गौरव का विषय है, कि हमारे बीच के ही श्री जय प्रकाश मिश्रा जो कि, एक रिटायर्ड फौजी हैं । वह एक ऐसे क्षेत्र में एवं एक ऐसी जगह जाकर ,हमारे पिथौरा का नाम रोशन किए , जो कि लोगों के लिए आज भी अंजाना सा है, और केवल उसका नाम ही ज्यादातर जानते हैं। उस क्षेत्र का नाम है, *"अंटार्टिका"* जोकि जनमानस में केवल बर्फ के रूप में ही प्रसिद्ध है। और ऐसे दुर्गम इलाके में जाकर शोध कार्य का हिस्सा होना, अपने आप में गर्व का विषय है। श्री जय प्रकाश मिश्रा जी भारत के 41वें अभियान । जो कि *भारतीय वैज्ञानिक अभियान अंटार्कटिका* के नाम से जाना जाता है । उसका हिस्सा रहे , और वहां 409 दिनों तक रहे । वहाँ का वातावरण अत्यंत मुश्किल भरा एवं मनोवैज्ञानिक रूप से थका देने वाला होता है। लेकिन हमारे वीर सैनिक इन सभी कठिनाइयों को आसानी से, भारत मां की सेवा समझते हुए उसे खुशी-खुशी पूरा किया। वहां श्री जय प्रकाश मिश्रा एक *लॉजिस्टिक मेंबर* के रूप में अपनी सेवाएं दी। साथ ही साइंटिफिक कार्य में अपने वैज्ञानिकों का भरपूर साथ दिया, एवं अनेक अनुभव प्राप्त किए।
वहां की कठिन परिस्थितियों में जो कि फ्रोजन फूड के रूप में खाद्य उपलब्ध था। उसमें अपने को स्वस्थ रखना एवं सभी के लिए प्रेरणा के रूप में अपने को प्रस्तुत करना। वहां का तापमान माइनस 30 से -35 रहता है। वहां काफी लंबे समय तक सभी को एक परिवार की तरह रहना होता है , क्योंकि वहाँ लगभ 3 माह दिन और 3 माह तक अंधेरा होता है। इसलिए विभिन्न प्रकार की स्फूर्ति दायक मनोवैज्ञानिक खेल भी होते हैं। उन्हीं में एक खेल मैं उन्हें *पोलर मैन* का खिताब मिला। इसी तरह उन्होंने अपना अभियान सफलतापूर्वक पूर्ण कर 8 जनवरी को 2023 को सकुशल घर वापसी की।यहां इनका गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया , जो कि पिथौरा के प्रबुद्ध नागरिक हमेशा से करते आए हैं।
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