नौ साल मोदी सरकार जनजातियों के हित में एतिहासिक कदम-रमेश हिड़ामे
मोहला। केंद्र में मोदी सरकार के सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के नौ वर्ष पर जिला भाजपा के उपाध्यक्ष श्री रमेश हिड़ामे ने कहा है कि माननीय नरेंद्र मोदी जी के प्रधान मंत्री बनने के बाद से देश के शोषित, पीड़ीत व जनजातियों के हित में आजादी के बाद एतिहासिक कार्य हुये हैं और सबसे बड़ा सम्मान देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद महामहिम राष्ट्रपति के पद पर माननीया द्रोपदी मुर्मू जी को सम्मानित किये हैं,विविध कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाले काष्ठ शिल्पी कांकेर जिला से अमित मंडावी को पद्मश्री लोक नाचा के लिए घसियाराम कंवर लाटाबोड बालोद को पद्मश्रीऔर पंडवानी गायिका ऊषा बारले को पद्मश्री दिया जाना दलित आदिवासियों का सम्मान है जो माननीय मोदी जी की दूरदर्शिता का परिचायक है।जिस पर देश के हम जनजाति गर्व महशूष करते हैं। एट्रोसिटि एक्ट पर माननीय उच्चतम न्यायलय ने समीक्षा किया जहां जो कमी झलकी और देश के जनजातियों की आवाज उठी उस कमी को भी मोदी सरकार ने पूरा किया। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के नेतृत्व में जनजातियों का मूल एवं समग्र दृष्टिकोण के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल आदि जैसे क्षेत्रों में मानव संसाधन के रूप में जनजातियों का विकास करने का प्रयास किये है। इसे ध्यान में रखते हुए जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा भी कई परिवर्तन किए गए हैं।
2023 के बजट में सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिये एक मिशन की घोषणा की,लगभग 28 लाख पीवीटीजी आबादी वाले 22,544 गांवों को योजना के तहत बुनियादी सेवाओं की पूर्ति के लिए चिन्हित किया गया है। अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत 2023-24 से 2025-26 के दौरान मिशन के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में 15000 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की गई है।
विगत 12 जून को देश के 18 राज्यों से 75 पीवीटीजी समुदायों के 1500 प्रतिनिधियों को माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के द्वारा राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष माननीय ओम बिरला ने उन्हें संसद के सेंट्रल हॉल में संबोधित किया।यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था।
केंद्र की मोदी सरकार ने प्रत्येक पीवीटीजी समुदाय के लिए 1 नोडल अधिकारी नियुक्त किया है और वे उनके आवासों/बस्तियों में जा रहे हैं और उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए क्षेत्र में रह रहे हैं।
केंद्रीय बजट 2023-24 में ‘सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ की घोषणा की गई है। वर्ष 2047 तक ‘सिकल सेल एनीमिया’ को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जा रहा है। यह जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के 7 करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करेगा।
अगले तीन वर्षों में, 3.5 लाख आदिवासी छात्रों वाले 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की केंद्रीय रूप से भर्ती की जाएगी।
मोदी सरकार 5 प्रकार के छात्रवृत्ति योजनाओं को क्रियान्वित करता है जिसके तहत 2500 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक बजट के साथ प्रत्येक वर्ष 30 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। डीबीटी जनजातीय पोर्टल और डीबीटी भारत पोर्टल के साथ राज्य के मैट्रिक-पूर्व और मैट्रिकोत्तर योजनाओं के एकीकरण के परिणामस्वरूप पेपर आधारित यूसी से डेटा आधारित निगरानी में बड़ा बदवाल हो रहा है।
पिछले 9 वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित किए गए हैं और हर साल औसतन 30 लाख छात्र इन योजनाओं से लाभान्वित होते हैं।
मोदी सरकार ने प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना शुरू किया है जो जनजातिय गांवों के विकास में मील का पत्थर साबित होगी, जिसका उद्देश्य 500 से अधिक आदिवासी आबादी वाले देश के 36,428 गांवों और 50% या अधिक अनुसूचित जनजाति के लोगों का एकीकृत विकास होने के रास्ते खुलेंगे। ये गाँव 458 जिलों, 2361 ब्लॉकों और 24775 ग्राम पंचायतों में स्थित हैं, जिसमें 332 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और 1.02 करोड़ परिवार तथा 4.2 करोड़ की अनूसचित जनजाति आबादी शामिल है।पीएमएएजीवाई के तहत 4242 गांव उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से हैं। कार्यक्रम के तहत 5 वर्षों के लिए 7400 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं और लगभग 2000 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
प्रधान मंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) का उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वन उपजों की खरीद करने के लिए राज्यों की सहायता करने के अलावा वन धन विकास केंद्रों / वन धन उत्पादक उद्यमों की स्थापना करके देश भर में फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज प्रदान करके आजीविका संचालित जनजातीय विकास को प्राप्त करना है। योजना के तहत 3000 हाट बाजार और 600 गोदाम स्थापित करने का भी प्रावधान है। पीएमजेवीएम योजना के तहत पांच वर्ष के लिए 1612 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की गई है। ट्राइफेड प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है।
पिछले 9 वर्षों में, जनजातीय आबादी के संबंध में शिक्षा, आजीविका और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 200 गैर सरकारी संगठनों को लगभग 250 परियोजनाओं के लिए 900 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
राज्यों को जनजातीय कल्याण और विकास की योजनाओं के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 275(1), तत्कालीन टीएसएस को एससीए, पीवीटीजी योजना और टीआरआई योजना के तहत निधियां विमुक्त की जाती हैं। पिछले 9 वर्षों में राज्यों को विभिन्न योजनाओं के तहत 5000 से अधिक परियोजनाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई है।कुल मिलाकर जनजातियों के लिये नौ साल मोदी सरकार द्वारा एतिहासिक रहा है देश के जनजातियों को मोदी सरकार द्वारा जनजातियों के हित में किये जा रहे कार्यों की सराहना होनी चाहिये और उम्मीद रखनी चाहिये कि जनजातियों की शेष हक अधिकार के विषय भी मोदी सरकार ही पूर्ण करेगी।
*मोहला से योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट
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