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Wednesday, December 6, 2023

ठाड़पानी की छटा सुहानी - डॉ. पीसी लाल यादव

 ठाड़पानी की छटा सुहानी - डॉ. पीसी लाल यादव





खैरागढ़। छत्तीसगढ़ राज्य का नवगठित जिला खैरागढ़ छुईखदान गंडई कला, साहित्य, संगीत, इतिहास, पुरातत्व व संस्कृति के लिए जितना प्रसिद्ध है। उतना ही यह प्राकृतिक सम्पदा के लिए भी प्रसिद्ध है।इस जिले का पश्चिमी अंतिम छोर साल्हेवारा जहाँ से मध्यप्रदेश की सीमा जुड़ी हुई है,


जंगलों , पहाड़ों व जल प्रपातों को अपने आँचल में समेटे हुए है। कुआँ धाँस जलप्रपात चोभर, धाँस जलप्रपात गोलरडीह मोहगाँव तथा ठाड़पानी जलप्रपात सरईपतेरा यहाँ प्रमुख आकर्षण के केंद्र हैं।

         ठाड़पानी जलप्रपात साल्हेवारा    


तहसील मुख्यालय से लगभग 20 कि.मी. दूर सरईपतेरा  गाँव के पास स्थित है। आने-जाने के लिये सरईपतेरा तक 14 कि.मी. पक्की सड़क फिर ठाड़पानी तक 6 कि.मी.की कच्ची सड़क है।

      ठाड़पानी का जलप्रपात लगभग 100 फुट की ऊंचाई से गिरता है।    'ठाड़ ' अर्थात सीधा पानी गिरने के कारण इसका नाम ठाड़पानी पड़ा। पिपराही नाला व केकरापानी जलस्रोत से निकलने वाला पानी बरसाती नाले के रूप में यहाँ बहता है। जिससे यहाँ जलप्रपात का निर्माण होता है। ठाड़पानी झरने का प्राकृतिक स्वर संगीत पैदा कर हृदय को शांति प्रदान करता है।चारों ओर घने जंगल हैं।झरने का आनंद लेने के लिए बड़ी सावधानी से नीचे उतारना पड़ता है। ऊपर से नीचे झरझर झरता झरना पताल लोक की अनुभूति कराता है। ऊपर भाग में एक प्राकृतिक गुफा है जहां कंटीले पंख वाले सैंया कुकरी (साही) मिलते हैं।

ठाड़पानी  जलप्रपात से झरने वाला जल अमरपुर नदी में जाकर मिलता है जो इस क्षेत्र की प्रमुख सुरही नदी की सहायक नदी है। वर्षा काल में ठाड़पानी जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। साजा, बीजा, हर्रा, बहेरा, सलिहा, मोन्दे, सागौन, 

चार, तेंदू आदि पेड़ों से आच्छादित यह जंगल मन को असीम शांति प्रदान करता है।


       ठाड़पानी में अब पर्यटक आने लगे हैं। यदि शासन -प्रशासन द्वारा यहां पर्यटन की सुविधाएं जैसे  बिजली,पानी,सीढ़ी आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं तो यह जिले का ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनेगा। इस क्षेत्र में पर्यटन की अनेक संभावनाएं दिखती हैं। कुआँ धांस, धाँस और ठाड़पानी जलप्रपात तीनों आसपास ही स्थित हैं।


              डॉ. पीसी लाल यादव

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