श्रीरामलला के प्राणप्रतिष्ठा के दिन पूरे छत्तीसगढ़ के मंदिरों में पूजा -अर्चना और गंगा आरती का होगा आयोजन ।
सी एन आइ न्यूज़-पुरुषोतम जोशी ।
रायपुर/संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी के ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और ब्लॉक स्तर पर सभी प्रमुख मंदिरों में सुबह आरती और पूजा का आयोजन होगा, वहीं इस दिन शाम को गंगा आरती का आयोजन किया जाए। साथ ही इस मौके पर राज्य के सभी शासकीय भवनों में आकर्षक रौशनी की व्यवस्था की जाए। वे आज नया रायपुर अटल नगर स्थित महानदी भवन में संस्कृति और पर्यटन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
संस्कृति मंत्री श्री अग्रवाल ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को श्री रामलला दर्शन योजना में प्रदेशवासियों को अध्योया ले जाने के लिए व्यवस्थित और सुविधापूर्ण कार्ययोजना भी तैयार करने कहा। गौरतलब है कि आज आयोजित केबिनेट बैठक में प्रदेशवासियों को श्री रामलला के दर्शन कराने के लिए ‘श्री रामलला दर्शन योजना‘ प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना में 18 से 75 आयु वर्ग के लोगों को श्री रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या की यात्रा करायी जाएगी।
संस्कृति मंत्री श्री अग्रवाल ने उज्जैन और बनारस में बनाये गए भव्य कॉरीडोर की तर्ज पर राजिम मंदिर परिसर को विकसित करने के लिए भव्य कॉरीडोर निर्माण के बारे में अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि राजिम मंदिर परिसर के भव्य आकर्षक और गरिमामय ढंग से विकसित करने के लिए कॉरीडोर बनाने के दिए कॉन्सेप्ट प्लान बनाने के काम शुरू किया जाए। राजिम कुंभ की तैयारियों और इसके व्यवस्थित आयोजन को लेकर अधिकारियों से चर्चा की और राजिम कुंभ के भव्य आयोजन के लिए पर्यटन, धर्मस्व और संस्कृति विभाग को मिलकर काम करने के निर्देश दिए।
संस्कृति मंत्री श्री अग्रवाल ने चारधाम यात्रा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था के केन्द्रों को
शक्तिपीठ परियोजना कै तहत विकसित करने कहा ।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि राजधानी रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन परिसर में भव्य पतंग उत्सव का आयोजन किया जाए ।पतंग महोत्सव को भव्य और आकर्षक रुप देने के लिए दर्शकों और आम नागरिकों के लिए लोक कलाकारों द्वारा गीत संगीत का आयोजन भी किया जाए । बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, पर्यटन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. सचिव शिक्षा श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी और संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य सहित पर्यटन, धर्मस्व और संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे ।
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