तिल्दा ब्लॉक के ग्राम मोहदा में होलिका दहन की रात मेला लगता है।
तिल्दा-नेवरा रायपुर जिले के तिल्दा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम मोहदा में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी होली की रात को भव्य मेला लगता है। महर्षि मार्कण्डेय की तपोभूमि के रूप में विख्यात मोहदेश्वर धाम मोहदा में छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है जहां हर वर्ष होलिका दहन की रात्रि को मेलें का आयोजन होता है। यहां विराजित स्वयंभू शिवलिंग का दर्शन, पूजन करने हर साल भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। होलिका दहन की रात जब लोग होली की मस्ती में झूम रहे होते हैं तब दूसरी ओर उसी रात को मोहदा के मोहदेश्वर धाम में शिवलिंग का दर्शन करने भक्तों का तांता लगा होता है। बताया जाता है कि जब होलिका दहन की रात्रि को शिव मंदिर का पट खोला जाता है तो शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ती है। यहां आदिकाल से ही होलिका दहन की रात भव्य शिव मेला का आयोजन होता आ रहा है। रायपुर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर रायपुर-बिलासपुर मुख्य मार्ग में तरपोंगी से लगा हुआ मोहदा का यह प्राचीन शिव मंदिर पूरे छत्तीसगढ़ मे विख्यात है। जहां छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से शिव भक्त बड़ी संख्या मे पहुंचते हैं और यहां होलिका दहन करने के बाद यहां के रानीसागर तालाब में स्नान कर शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर दुग्धाभिषेक, रूद्राभिषेक व जलाभिषेक करते है। ग्रामीणों की मानें तो यह शिवलिंग करीब दो सौ साल पहलें का जान पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां हर तरह की मनौती और मनोवांछित फल की कामना के लिए भक्त विभिन्न जिलों व प्रांतों से आते है और शिवलिंग का महाभिषेक करतें है। यह छत्तीसगढ़ का इकलौता शिवमंदिर है जहां होलिका दहन की रात को मेला लगता है। इसलिए इनकी प्रसिद्धि आज पूरे प्रदेश भर में है। हर साल लोग यहां आने के लिए होली का इंतजार करते हैं। इस साल भी होली की रात मेला लगेगा। जहां भारी संख्या में शिवभक्त पहुंचेंगे।
सी एन आई से अजय नेताम की रिपोर्ट
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