सिद्ध शक्तिपीठ शीतला मंदिर पिथौरा में जुड़वास उत्सव मनाया गया। जिसे ठंडाई भी कहा जाता है हर शीतला मंदिर में जुड़वास उत्सव मनाया जाता है सबसे पहले माता को नीम के पत्ते से ढाका जाता है और उन्हें ठंडाई प्रदान की जाती है उसके बाद पूजन अर्चन करने के पश्चात पंच द्रव्य तैयार की जाती है जिसमें पानी में शहद गंगाजल गोमूत्र हल्दी और नीम का रस मिलकर भक्तजन में छिड़का जाता है यह निरंतर सुबह से लेकर शाम तक चलता रहता है
नीम की पत्ती से छिड़काव की जाती है और जितने भी पंच द्रव्य मिले हैं यह सब औषधि का काम करते हैं गांव में अगर किसी को माता की बीमारी हो गई हो या चर्म रोग हो गया हो तो इस पानी को उसके शरीर पर डाल करके उसे रोक दो मुक्त किया जाता है पिथौरा शीतल समाज द्वारा रथ यात्रा के पहले जो भी गुरुवार पड़ता है उसे दिन जुड़वास ठंडाई का उत्सव मनाया जाता है और आज यह कार्यक्रम सिद्ध शक्तिपीठ शीतला मंदिर पिथौरा में किया जा रहा है सैकड़ो की संख्या में भक्तजन लंबी लाइन लगाकर ठंडाई प्राप्त कर रहे हैं।
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