मोहला :----
धान खरीदी में सुखत नहीं तो - खरीदी नहीं।
जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी द्वारा खाद्य सचिव, सहकारिता सचिव एवं आयुक्त सहकारिता छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के नाम से जिले के कलेक्टर एस.जयवर्धन , शिल्पा अग्रवाल उप आयुक्त सहकारी संस्थाएं, प्रभात मिश्रा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजनांदगांव, आशिष रामटेके जिला खाद्य अधिकारी, सोम सर ज़िला विपणन अधिकारी एवं एस. एल. ठाकुर नोडल अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को
जिले के सभी 19 समितियां की ओर से समिति प्रबंधकों द्वारा धान खरीदी में सुखत की प्रावधान करने एवं धान खरीदी नीति में आवश्यक संशोधन करने हेतु ज्ञापन सौपा गया।
धान खरीदी नीति में सुखत का प्रावधान नहीं होने पर , इस वर्ष2024.25 में जिले के 27 उपार्जन केंद्र में धान खरीदी नहीं किया जाएगा। ज्ञात हो कि नवीन जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी में 19 सहकारी समिति के 27 उपार्जन केंद्र द्वारा वर्ष 2023 .24 में छत्तीसगढ़ शासन के आदेशानुसार तय लक्ष्य के अनुसार 2171884.80 कुंतल धान का उपार्जन किया गया। लेकिन मार्कफेड की लचर परिवहन व्यवस्था के चलते धान का उठाव धीमी होने के कारण अप्रैल, मई माह में धान का उठाव होने के कारण , तेज धूप की वजह से धान में सुखत आया है। सीता गांव एवं औधी का संपूर्ण धान का उठाव 1 सितंबर को किया गया। इस सुखत की जिम्मेदार समिति प्रबंधकों को शासन प्रशासन द्वारा ठहराया जा रहा है ।जबकि धान खरीदी नीति की कंडिका 17.4 के अनुसार बाफर लिमिट से अधिक धान खरीदी होने पर 72 घंटे के अंदर धान का उठाव करने के नियमों का पालन जिला विपणन संघ द्वारा नहीं किया गया। इसी तरह कंडिका क्रमांक 16.8 के अनुसार 28 फरवरी 2024 तक संपूर्ण धान का उठाव करने की नियमों का भी खुला उल्लंघन जिला विपणन संघ एवं मार्कफेड रायपुर द्वारा करने के कारण धान में सुखत आया है । इसके लिए समिति कर्मचारियों को दोषी ठहराया जाना न्याय संगत नहीं है, जबकि सुखत धान की वसूली मार्कफेड से किया जाना चाहिए। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सुखत धान की वसूली के लिए कर्मचारियों के ऊपर अनैतिक दबाव डाला गया एवं एफ.आई. आर. करने की धमकी भी दिया गया । मानपुर ब्लॉक के दो समिति प्रबंधकों को निलंबन की कार्यवाही से भी गुजरना पड़ा है। इससे कर्मचारियों में दहशत का माहौल है डरे एवं सहमे हुए हैं। शासन द्वारा समिति कर्मचारियों की पक्ष को नहीं सुनने के कारण जिले के 19 उपार्जन केंद्र प्रभारी द्वारा हाई कोर्ट में वाद दायर किया गया, जिसकी सुनवाई अभी भी चल रहा है। उसके बाद भी हाईकोर्ट की आदेश को दर किनारे करते हुए ,दो समिति प्रबंधक को निलंबन किया जाना हाई कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन है। माननीय हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना के लिए हाई कोर्ट में कोर्ट आप कंटेंप्ट की याचिका दायर किया जा रहा है। इस कार्यवाही से आहत समिति प्रबंधको ने शासन से धान खरीदी नीति में संशोधन कर , सुखत की मांग कर रहे हैं। सुखत नहीं दिये जाने पर इस वर्ष धान खरीदी नहीं करने का निर्णय लिया गया है। समिति प्रबंधको के अनुसार समिति का कार्य केवल धान खरीदी करना है न की धान का परिवहन करना। डी ओ पी ओ जारी करने एवं परिवहन का कार्य करने की जिम्मेदारी मार्कफेड का है ।हर साल मार्कफेड की लचर व्यवस्था के कारण धान में सुखत आता है। सुखत की वसुली भी मार्कफेड से किया जाना चाहिए।ज्ञापन सौपने के लिए जिला संघ के पदाधिकारी गण मौजूद रहे। जिसमें भाई लाल देवांगन अध्यक्ष , रहमतुल्ला कुरेशी उपाध्यक्ष, गिरधर साहू उपाध्यक्ष , रामकिशोर बांसोड़ सचिव , केमन साहू सह सचिव , नंदलाल मंहाडोरे संयुक्त सचिव , पुरुषोत्तम निषाद संगठन मंत्री, गिरीश पारटर , तुलाराम निषाद, तुकाराम निर्मल, योगेश त्रिपुरे, सतीश कौरे, पुनीत देशमुख, लचछुराम घावडे , राकेश कुमार,जनक तारम,पूरन साहू,इत्यादि कर्मचारी का उपस्थित रहे।
जिला ब्यूरो योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट।
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