*🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ll 🌞*
🌤️ *दिनांक - 01 अक्टूबर 2024*
🌤️ *दिन - मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - अश्विन*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - चतुर्दशी रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात अमावस्या*
🌤️ *नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह 09:16 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
🌤️ *योग - शुक्ल 02 अक्टूबर रात्रि 02:18 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
🌤️ *राहुकाल - शाम 03:27 से शाम 04:57 तक*
🌤️ *सूर्योदय -05:41*
🌤️ *सूर्यास्त- 06:02*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - चतुर्दशी का श्राद्ध,आग-दुर्घटना-अस्त्र- शस्त्र*अपमृत्यु से मृतक का श्राद्ध*
💥 *विशेष - चतुर्दशी अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
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🌷 *सर्व पितृ अमावस्या* 🌷
🙏🏻 *श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार 02 अक्टूबर, बुधवार को यह अमावस्या है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष भी कम होता है। इसलिए इस दिन भी ये उपाय किए जा सकते हैं।*
🙏🏻 *पीपल में पितरों का वास माना गया है ।सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं ।*
🙏🏻 *सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर किसी ब्राह्मण को भोजन के लिए घर बुलाएं या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़ आदि का दान करें ।*
🙏🏻 *इस अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें ।इससे भी पितृगण प्रसन्न होते हैं ।*
🙏🏻 *सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर अपने पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें ।इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं ।*
🙏🏻 *इस अमावस्या पर चावल के आटे से 5 पिडं बनाएं व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में प्रवाहित कर दें ।*
🙏🏻 *अमावस्या पर गाय के गोबर से बने कंड़े को जलाकर उस पर घी-गुड़ की धूप दें और पितृ देवताभ्यो अर्पणमस्तु बोलें ।*
🙏🏻 *इस अमावस्या पर कच्चा दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में प्रवाहित करें ।ये उपाय सूर्योदय के समय करें तो अच्छा रहेगा ।*
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🌷 *सर्व पितृ अमावस्या* 🌷
🙏🏻 *पितृ पक्ष का आखिरी दिन पितृ अमावस्या होती है। इस दिन कुल के सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। फिर चाहे उनकी मृत्यु तिथि पता न हो। तब भी आप पितृ अमावस्या पर उनका तर्पण कर सकते हैं।*
🙏🏻 *पितृ पक्ष की अमावस्या को सूर्यास्त से पहले ये उपाय करना है। इस उपाय में एक स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले व सफेद तिल और जौ मिला लें। इसके साथ कोई भी सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के और एक जनेऊ पीपल के पेड़ के नीचे जाकर सबसे पहले ये सारा सामान पेड़ की जड़ में चढ़ा दें। इस दौरान सर्व पितृ देवभ्यो नम: का जप करते रहें।*
🙏🏻 *ये मंत्र बोलते हुए पीपल को जनेऊ भी चढ़ाएं। इस पूरी विधि के बाद मन में सात बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें और भगवान विष्णु से कहें मेरे जो भी अतृप्त पितृ हों वो तृप्त हो जाए। इस उपाय को करने से पितृ तृप्त होते हैं पितृ दोष का प्रभाव खत्म होता है और उनका अशीर्वाद मिलने लगता है। हर तरह की आर्थिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।*
🌞 ~ *पंचांग* ~ 🌞
🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸🍁💐🙏🏻
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