आंवला नवमी पर महिलाओं ने आंवले पेड़ की पूजा कर पति और पुत्र की लंबी उम्र की कामना की।
सी एन आइ न्यूज पुरुषोत्तम जोशी। रायपुर/आंवला नवमी के दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका पुण्य कई जन्मों तक प्राप्त होता है। आंवला नवमी के अवसर पर महिलाओं ने सूर्योदय के साथ ही घर, और मंदिरों में आंवले के पेड़ की पूजा कर और आंवला नवमी की कहानी सुनी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार आंवले के पेड़ की उत्पत्ति भगवान विष्णु के शरीर से हुई थी।कथा है कि जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया,तो उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी ।
तब राजा बलि भगवान विष्णु को तीन पग भूमि देने का वचन दिया, भगवान विष्णु ने तीन पग में ही समस्त भूमि को माप लिया और राजा बलि को पाताल लोक भेज दिया,राजा बलि की पत्नी विंध्यावली ने भगवान विष्णु से अपने पति की मुक्ति के लिए प्रार्थना की,तब भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि आंवला के पेड़ की पूजा से राजा बलि की मुक्ति होगी।तब से इस पावन दिन आंवले के पेड़ की पूजा का विधान है। आंवला नवमी के दिन आंवले का दान और सेवन करना चाहिए।
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