,समर्थन मूल्य पर खरीदने मुख्यमंत्री जी को किया आवेदन,
रायपुर छत्तीसगढ़,,, अखिल भारतीय संत समिति ने माननीय मुख्यमंत्री जी को मठ मंदिरों में उपज की गई धन को समर्थन मूल्य में खरीदने की गुहार लगाई है इसके पूर्व संत समिति ने माननीय कलेक्टर महोदय, राज्यपाल महोदय, कृषि मंत्री, भारतीय जनता पार्टी प्रांत संगठन मंत्री, एवं विश्व हिंदू परिषद प्रांत मंत्री को भी आवेदन देकर के मठ मंदिरों की धान जल्द से जल्द समर्थन मूल्य में खरीदने के लिये आवेदन लगाया गया।
कई बार संत समिति के द्वारा शासन प्रशासन को पत्राचार के माध्यम से जानकारी दी परंतु आज तक किसी भी प्रकार से शासन प्रशासन के द्वारा संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया इसके पूर्व में मठ मंदिरों की धान को सरकार समर्थन मूल्य में खरीदती आई है। परंतु वर्ष 2024 की धान सरकार के द्वारा समर्थन मूल्य पर मठ मंदिरों की नहीं ली जा रही है इस विषय में संत समिति ने माननीय मुख्यमंत्री जी से गुहार लगाई है कि मठ मंदिरों में जो धन उपज हुई है , उसे तत्काल समर्थन मूल्य में खरीदने की कृपा करें। शासन प्रशासन से कई बार मांग करने पर भी आज तक मठ मंदिरों की कृषि भूमि में उत्पादन की गई धान को नहीं खरीदा गया है जिसमें संत समाज पर संत समिति पर महंत , गुनिया , पुजारी , बैगा , पहन के लोगों पर काफी आक्रोश नजर आ रहा है बार-बार आवेदन निवेदन करने पर भी शासन प्रशासन किसी भी प्रकार से समर्थन मूल्य पर धान नहीं खरीद रहा है। इस आक्रोश को प्रकट करने के लिये धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये संत समिति एवं प्रदेश के गुनिया , बैगा पुजारी , महंत , पहन के द्वारा आगामी 21 नवम्बर को शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिये धरना प्रदर्शन का आयोजन संत समिति के द्वारा किया जायेगा। धरना प्रदर्शन के बाद भी शासन प्रशासन नहीं जगाता है तो आने वाले समय में सभी संत समाजों के साथ प्रदेश के अलग-अलग स्तर से जागरूक संत समाज एक विशाल धरना प्रदर्शन करने की करने की रणनीति बना रहा है। संत समाज पर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है परंतु शासन प्रशासन में बैठे जिम्मेदार संत समिति के आवेदन और निवेदन पर किसी भी प्रकार से संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। कोई भी शासन प्रशासन के माध्यम से मठ मंदिरों की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने की किसी भी प्रकार से पहल नहीं की जा रही है , आखिर ऐसा क्यों क्या शासन प्रशासन धार्मिक स्थानों की कृषि भूमि को उत्पादन करने योग्य नहीं समझता है। सवाल बना हुआ है अभी छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य प्रधान खरीदने का कार्य बंद कर दिया गया है आखिर ऐसा क्यों क्या माननीय मुख्यमंत्री इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुये फिर से प्रदेश में समर्थन मूल्य प्रदान खरीदी करवाना सुनिश्चित करेंगे या फिर मामला वर्ष 2025 और 2026 में जायेगा। वर्ष 2024 की धान क्या 2025 एवं 2026 में ली जायेगी यहां तो आने वाला समय ही बतायेगा।
सी एन आई न्यूज के लिये ब्यूरो रिपोर्ट।
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