भूपेन्द्र सिन्हा
महतारी वंदन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति महिलाएं हो रही लाभान्वित
बांस से बनने वाले वस्तुओं के निर्माण में मिल रहा सहयोग
स्वयं के व्यवसाय में उपयोगी साबित हो रहा प्रतिमाह मिलने वाली 1 हजार की राशि
गरियाबंद:- छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदना योजना ने वित्तीय सहायता प्रदान करके स्वयं के व्यवसाय चलाने वाली खासतौर पर कमार विशेष पिछडी जनजाति की महिलाओं के वरदान साबित हो रही है। आदिवासी विकासखंड मैनपुर के विशेष पिछडी जनजाति की कई महिला प्रतिमाह मिलने वाली एक हजार की राशि से बांस खरीदकर बांस का बर्तन, झाडू बनाकर अच्छे दामों में बाजार में बेचकर मुनाफा कमा रही है। विकासखंड मैनपुर के ग्राम पंचायत तुहामेटा के आश्रित ग्राम नारीपानी की महिला सुकवती सोरी एवं धनमोतिन सोरी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली एक हजार महतारी वंदन योजना की राशि न केवल बचत में मदद करती है बल्कि महिलाओं और उनके परिवारों के लिए एक उज्जवल भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करती है। इस योजना से मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता से घर की जरूरते भी पूरा हो रही है एवं इस राशि से हमारे स्वयं के व्यवसाय को भी सहारा मिल रहा है। महिलाओ ने बताया कि एक हजार की राशि से वे बांस की खरीदते है और उस बांस से सुपा, टोकरी, चटाई, छितोरी, बांस की पेटी, झाडू, सहित कई घरेलू सामान तैयार करते है जिसे मार्केट मे बेचकर मुनाफा कमाते है। महिलाओं को सक्षम आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू की है। इससे महिलाओं में एक नया आत्मविश्वास जगा है और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ी है। महतारी वंदन योजना के तहत राज्य में विवाहित महिलाओं को 1,000 रुपए प्रतिमाह वित्तीय सहायता डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जा रही है। वहीं महिलाएं भी खुश है कि वो महतारी वंदन योजना से मिली राशि से अपने बच्चों और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी कर पा रहीं है।


















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