शिकायत के बावजूद अतिक्रमण हटाने में रायपुर जिला कलेक्टर निष्क्रिय
आरंग--------------------------------------------------------------------
राजधानी रायपुर के ग्राम डिघारी में व्यापक रूप से हो रहे अतिक्रमण के मामले में रायपुर जिला कलेक्टर कि निष्क्रियता देखने को मिली है इसे राजनितिक दबाव कहे या प्रशासन कि निष्क्रियता ,आयुष दुबे ने बताया कि उन्होंने जिला कलेक्टर से मिलकर अतिक्रमण कि शिकायत कि थी कलेक्टर ने आश्वासन दिया था कि तुरंत इस मामले में कारवाई किया जाएगा और एस.डी.एम्.आरंग को आदेशित कर अतिक्रमण हटाया जाएगा, बीते ३ दिसम्बर को अतिक्रमण कि शिकायत कलेक्टर ,एस.डी.एम् .से लेकर तहसीलदार को कि गई थी,1 महिना बीत गए कलेक्ट्रेट से न ही फ़ाइल अभी तक एस.डी.एम्.के पास पहुची न ही एस.डी.एम.के पास से तहसीलदार के पास जिसका आलम यह है कि गाँव में अभी तक न ही कोई आदेश पंचायत को अतिक्रमण हटाने के लिए आया न ही तहसीलदार और पटवारी गाँव का निरिक्षण करने पहुचे इससे क्षुब्ध होकर युवा साथी आयुष दुबे ने पंचायती राज अधिनियम कि धारा 248 के तहत तहसील में केस फ़ाइल किया,जिसके तहत गाँव के सीमांकन के लिए 5 पटवारी का दल नियुक्त किया गया है,इसमें भी पटवारी काम का बहाना देते हुए निरिक्षण कर प्रतिवेदन देने में लेट लतीफी कर रहे है,आयुष दुबे का कहना है कि अगर प्रशासन इस पर ध्यान देता तो अभी तक अतिक्रमण हटाने का कार्य पूर्ण हो सकता था उन्होंने कहा कि वह हार नही मानेंगे और गाँव का अतिक्रमण हटा कर ही रहेंगे,उनका कहना है कि गाँव के गौठान,चारागाह,आम रास्ता,तथा तालाब के पार को पहले खाली कराया जाए,गाँव में अवैध रूप से बन रहे पी.एम.आवास को भी रोकवाया जाए आयुष दुबे ने कहा कि अगर पंचायत अतिक्रमण हटाने के लिए प्रस्ताव नही देगा तो पंचायती राज अधिनियम कि धारा 86 और 89 का सहायता लेंगे |
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