,,, अर्जुंदा में कब बंद होगा अवैध खनन ,,,
छत्तीसगढ़ जिला बालोद,,से भारत साहू की रिपोर्ट
आज देश में जिस तरह से भू माफिया ने अपना माकड़ जाल फैला के रखा है अवैध खनन करके धरती माता की सूरत बिगाड़ रहे हैं अपने फायदे के लिए धरती मां के सिने को छन्नी छन्नी कर रहे हैं आखिर ऐसा क्यों आखिर क्यों इन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है इन भू माफिया को किसका संरक्षण है आखिर कानून नाम की चीज को इन भू माफियाओं ने मजाक बना के रखा है इन्हें किसी नियम का डर नहीं किसी अधिकारी का डर नहीं है बेधड़क होकर के खुलेआम चोरी कर रहे हैं और जिम्मेदार व्यक्ति तमाशाबिन बनकर चुपचाप बैठकर देख रहे हैं धरती मां का खुलेआम कत्ल हो रहा है और यह अधिकारी अपनी धरती मां को छन्नी छन्नी होते हुए देख रहे है आखिर ऐसा क्यों सवाल बना हुआ है ,,,,
,,,,,,,,,,,, खबर के अनुसार ,,,,,,,,,,
अर्जुंदा इन दिनों पूरे बालोद जिले में लगातार हो रहे अवैध मुरुम उत्खनन के नाम पर चर्चा बनी हुई है अर्जुंदा तहसील नंबर वन पर बनी हुई है ग्राम मटेवा मेहंदीपाट डुडिया बघेली माहुदा भरदाकला में जिला दुर्ग एवं राजनांदगांव जिले के अवैध मुरुम माफिया सक्रिय है किसानों को गुमराह करके खेत ठीक करने के नाम पर किसानों को लालच देकर फसाया जाता हैं और खेत बिगाड़ कर निकल जाते हैं बालोद जिले के माइनिंग विभाग के अधिकारी अवैध मुरुम उत्खनन करने वालों के ऊपर मेहरबान है मेहंदी पाठ के कोटवार को उनके जीवन यापन के लिए दी गई जमीन कोटवार के द्वारा सरकारी जमीन को अवैध मुरुम खनन करने वालों को खेत बनाने दे दिया गया था जबकि शासन द्वारा कोटवार के गुर्जर बसर निस्तार के लिए यहां जमीन दी गई थी जिसे अवैध उत्खनन करने वालों के द्वारा करीबन 8 एकड़ में जगह-जगह बड़े-बड़े खाई नुमा गड्ढे कर छोड़ दिया है मुरूम माफिया दुर्गा भिलाई के निवासी है जिन्हें फोन लगाकर पूछे जाने पर गोल गोल जवाब दिया जाता है माइनिंग विभाग के अधिकारी को फोन लगाने पर फोन नहीं उठाया जाता है वही माइनिंग इंस्पेक्टर के द्वारा भी फोन नही उठाया जाता है आखिर ऐसा क्यों अवैध खनन बंद करने के लिए जनता को किस विभाग पर शिकायत करनी चाहिए यहां शासन प्रशासन को हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से बतलाना चाहिए परंतु शासन प्रशासन के नाक के नीचे अवैध खनन किया जा रहा है और शासन प्रशासन इन माफियाओं के सामने बहुत ही कमजोर नजर आ रहा है आखिर ऐसा क्यों क्या अधिकारियों को अपने पावर का एहसास नहीं है ऐसा हो नहीं सकता यहां सवाल बना हुआ है आखिर कौन गूंगी बहरी बनकर बैठे शासन प्रशासन को नींद से जगाएगा कौन आखिर कौन छत्तीसगढ़ में मासिहा बन करके धरती मां को अवैध खनन से बचाने आएगा या नहीं यहां तो समय के पहियों के साथ पता चलेगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,, लगता है मिली भगत है ,,,,,,,,
जिस तरह से प्रशासन के अधिकारियों का रवैया नजर आ रहा है किस तरह दूसरे जिले के खनन माफिया बालोद जिले में आकर के मनमानी तरीके से अवैध खनन कर रहे हैं माइनिंग इंस्पेक्टर एसडीएम तहसीलदार एवं अन्य प्रकार के अधिकारी जिनके जिम्मेदारी अवैध खनन रोकना है सब के सब खामोश क्यों बैठे हुए हैं क्या कहीं लेनदेन का मामला तो नहीं या फिर यह खनन माफिया इतनी मजबूत है की अधिकारी इनके ऊपर हाथ डालने से डर रहे हैं ऐसे बहुत सारे सवाल छत्तीसगढ़ की जनता के मन मस्तिक में घूम रहे हैं आखिर किस तरह से बाहर से आए लोग नियम विरूध बिना रॉयल्टी के करोड़ों रुपए की टैक्स की चोरी कर रहे हैं अगर अवैध खनन माफिया रॉयल्टी के माध्यम से खनन कर तो करोड़ों रुपए की राशि छत्तीसगढ़ सरकार के पास जमा हो सकती है इस राशि से सरकार प्रदेश में और बेहतरीन विकास कार्य कर सकती है परंतु अधिकारियों की खामोशी देखकर ऐसा नहीं
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