बालाघाट मध्य प्रदेश से,,,,
पत्रकार जूनियर हिंदुस्तानी की खबर
🖊️ कलम से समझौता नहीं🖊️
🎤 अपनी बात निडरता से🎤
,,,,,,,,,,,, क्राइम रिपोर्टर। ,,,,,,,,,,,,,,
::::::::: सी,एन,आइ न्यूज़ ,,,,,,,,,,,,,
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,,,,,, ,,,,, मनका टेकरी का उर्स ,,,,,,,
,,,,,,,,,,,, उर्स मुबारक। ,,,,,,,
बालाघाट,, कौमी एकता की मिसाल मनका टेकरी दरगाह में प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी 16 अप्रैल बुधवार को बड़ी धूमधाम के साथ पारंपरिक रीति रिवाज और धार्मिक मान्यताओं के साथ मनाया जा रहा है मानक टेकरी उर्स मुबारक के मौके पर प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी सिविल लाइन स्थित हजरत सैयद शाह बाबा की मजार और बस स्टैंड से शाही संदल निकला जाएगा मुख्य मार्ग का ग्रस्त करता हुआ मनका टेकरी दरगाह शरीफ पहुंचेगा जहां अकीदमंदो के द्वारा मजार शरीफ में फूल वहां चादर पेश कर फातीया पढ़ी जाएगी साथ ही दरगाह शरीफ में देश की सुख समृद्धि आपसी भाईचारे और अमानो अमन की दुआएं मांगी जाएगी वही दिन रात लंगर कव्वाली सहित अन्य कार्यक्रमों के आयोजन कर उर्स मुबारक का समापन किया जाएगा ,,,,,
;;;;;;; उर्स मे विभिन्न राज्यों के लोग होते हैं शामिल :::::::::::
आपको बताएं कि इस दरगाह शरीफ में उर्स मुबारक के खास मौके पर केवल स्थानीय ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों जिलों के विभिन्न समुदाय के लोग शामिल होते हैं इस वर्ष महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु इस सालाना उर्स में शामिल होगे वहीं दरगाह शरीफ में उर्स मुबारक के मौके पर रात में कव्वाली व दिन रात में लंगर का इंतजाम किया गया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
:::::::; श्रद्धालु करते हैं मनके की खोज। ::::::::::::::::
वेन गंगा नदी तट पर स्थित कलंदर बाबा मोहर अली शाह दरगाह को मनका टेकरी दरगाह के नाम से जाना जाता है श्रद्धालुओं की मान्यता के अनुसार दरगाह परिसर में मनके यानी एक खास किस्म के कीमती रतन की बरसात होती है और इस दरगाह शरीफ में आने वाले लोगों की मुराद पूरी हो जाती है इसलिए दरबार शरीफ का नाम मानक टेकरी रखा गया है जहां प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले उर्स मुबारक पर लोगों का जमवाडा लगा रहता है वही दरगाह में पहुंचने वाले लोगों को अक्सर मनके की खोज करते देखा जाता है ऐसा माना जाता है कि जिसको मनका मिल जाता है वहां खुद किस्मत होता है और उसकी मन की मुराद पूरी होती है ,,,,,,,,,,,,,
::::: उर्स आयोजन के लिए नहीं लिया जाता चंदा ;;;;;;;:;:;;;;;;;;;
कलंदर बाबा मोहर अली शाह के उर्स मुबारक की विशेषता यहां है कि यहां कार्यक्रम के लिए किसी से किसी प्रकार का चंदा नहीं लिया जाता बल्कि इस दरगाह से जुड़े लोग अपने-अपने स्तर पर सहयोग कर आयोजन को संपन्न करते हैं यहां सिलसिला पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है बताया जाता है कि कलंदर बाबा मोहर अली शाह द्वारा किसी से कोई चंदा नहीं लिए जाने को कहा गया था लिहाजा उनकी आज्ञा का परिपालन यहां किया जाता है और किसी से कोई चंदा नहीं लिया जाता है
::::::::: कौमी एकता का दिखता है मंजर। :::::::::::
मनका टेकरी स्थित दरगाह शरीफ उन स्थानों में शुमार है जहां कौमी एकता का मंजर आप देख सकते हैं यहां किसी के भी आने जाने में कोई मनाही नहीं है सभी धर्म और मजहब के लोग यहां आते हैं और शीश झुकाते हैं फिर चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान सामाजिक एकता का नजारा यहां देखने को मिलता है यही कारण है बड़ी तादाद में लोग इस दरगाह से जुड़े हुए हैं और खिदमत को अंजाम देते हैं
खिदमत करने वाले भी हिंदू है नवीन तिवारी खादिम मनका टेकरी अजय कुमार सेन खादिम मनका टेकरी आज जहां तह हिंदू मुस्लिम का फसाद नजर आता है वही ऐसे चाहने वाले लोग जाति धर्म को नहीं बल्कि इंसानियत को मानते हैं और सूफी संतों की दरगाह में हमेशा नजर आते हैं ऐसे लोग जो इंसानियत को मानते हैं जिनके लिए इंसानियत जाति धर्म मजहब से ऊपर है आपको सूफी संतों की दरगाह में मुस्लिम कम हिंदू भक्त ज्यादा मिलेगे जहां वह बाबा से अपनी मन्नत मांगते हैं उन्हें विश्वास है कि सूफी संत उनकी तमन्ना को पूरा जरूर करेंगे ,,,,,
बालाघाट मध्य प्रदेश से खबर के साथ जूनियर हिंदुस्तानी
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