गुप्त नवरात्रि के नौवें यानि आखिरी दिन मां भगवती के नौवें स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना का विधान है।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी। मां सिद्धि दात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की शक्तियां प्रदान करती हैं। माता का यह स्वरूप सभी दिव्य आकांक्षाओं को पूर्ण करने वाला है। इस दिन विधि विधान से मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और रोग, शोक, एवं भय से मुक्ति मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की पूजा कर सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त किया था। माता की अनुकम्पा से भोले नाथ का आधा शरीर देवी का हुआ था, इसी कारण वह इस लोक में अर्ध नारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए थे।
माता की चारों भुजाओं में गदा, चक्र, डमरू और कमल का फूल विराजमान है। माता को बैंगनी रंग अत्यंत प्रिय है। इस दिन माता को नौ प्रकार के फूल अर्पित करने व मिठाई का भोग लगाने से माता जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी कष्टों का नाश करती हैं। भक्त इस दिन कन्या पूजन कर मां दुर्गा को विदा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है।
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