राखी के धागे भाई के कलाई के साथ पेड़ पौधों को भी बांधे
छत्तीसगढ़ राज्य के अभिन्न अंग कला संस्कृति रीति रिवाज त्योहार लोक कला एवं परंपराओं का गढ़ है पावन माह सावन भगवान भोलेनाथ के अनेकों मंदिरों में पूजा अर्चना करते बोल बम पीले भगवा वस्त्र धारण करते सैकड़ों मिल श्रद्धा लिए पैदल रास्ता नापते है भक्त और भगवान के यह अनोखा मिलाप छत्तीसगढ़ राज्य के श्रद्धा और प्रेम को परिभाषित करता है यही पावन पवित्र सावन मास के अंतिम दिन रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम विश्वास के अटूट बंधन का अनोखा त्योहार है जहां एक राखी के धागे भाई के कलाई को रक्षासूत्र में बांध देते हैं बहन जब राखी भाई के कलाई में उस विश्वास से बांधता है कि उस दिन से उसका भाई उसे हर मुसीबत से निकाल लेगा यही विश्वास के बंधन को रक्षाबंधन कहते हैं ठीक उसी तरह प्रकृति में जब हम पौधा लगाते है उसी क्षण से पेड़ पौधे हमें बिना कोई रिश्ता जाती धर्म समुदाय चिन्हांकित करते पल पल हमे ऑक्सीजन प्रदान कर हमारी रक्षासूत्र में बंध जाते हैं पौधा जब वृक्ष बनता है तब हमें प्राणदायनी वायु प्रदान कर हमारी रक्षा करता है इसी बंधन हेतु टीम पेड़ नहीं हम प्राण लगाबो टीम के सदस्य पवन कुमार जायसवाल मनमोहन दास वैष्णव चंद्रकांत वर्मा केंद्रीय युवा अध्यक्ष लोकेश कुमार वर्मा केंद्रीय युवा उपाध्यक्ष कपिल कश्यप केंद्रीय युवा संरक्षक इंद्रकुमार वर्मा लक्ष्मण कुमार वर्मा गोविंद वर्मा केंद्रीय पर्यावरण प्रभारी केंद्रीय युवा कार्यकारिणी उत्तम वर्मा विनय कुमार कश्यप अशोक साहू लोकेश साहू राजू वर्मा सोमू साहू जनक राम वर्मा डागेश्वर वर्मा जितेन्द्र कमल राकेश वर्मा एवं साथीगण ने अपील की है भाई की कलाई में जब बहन राखी बांधे तो भाई को उपहार के साथ एक पौधा भी भेट करें और उसे प्रकृति मां धरा को रोपित करें।
*CNI NEWS सिमगा से ओंकार साहू की रिपोर्ट*
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