6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा, यह भक्ति, आरोग्य और समृद्धि का पर्व है।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी। रायपुर- शरद पूर्णिमा के दिन जागरण, लक्ष्मी पूजा, और खीर का सेवन जीवन में सुख शांति और स्वास्थ्य करने वाला माना जाता है।
पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर दोपहर 12.23 बजे से पूर्णिमा तिथि समापन 7 अक्टूबर 9.16 बजे तक । विशेष समय -6अक्टूबर रात11.45 से लेकर 7 अक्टूबर सुबह 12.34 बजे तक का समय विशेष शुभ है ।
इस दिन की धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृन्दावन की गोपियों के साथ रासलीला की थी।इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं ।इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी माता पृथ्वी का विचरण करती हैं और धन समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है। आयुर्वेद और स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात की चांदनी अमृत तुल्य मानी जाती है। साथ ही परंपरा के अनुसार इस रात दूध और चांवल की खीर बनाकर चांदनी में रखा जाता है और फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है।
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