Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Tuesday, October 28, 2025

परिवार में सबसे मुश्किल है, बच्चों को अच्छे संस्कार देना। अशवंत तुषार साहू

 परिवार में सबसे मुश्किल है, बच्चों को अच्छे संस्कार देना। अशवंत तुषार साहू



महासमुंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पसीद में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाजपा किसान नेता अशवंत तुषार  साहू शामिल हुआ 


आयोजन समिति  के तत्वाधान में  तुषार साहू का भव्य स्वागत किया


अपने उद्बोधन में तुषार साहू ने  कहा परिवार में सबसे मुश्किल है, बच्चों को अच्छे संस्कार देना। काफी लोग बच्चों के लिए सभी सुविधाएं और साधन उपलब्ध करा देते हैं, बच्चों पर पूरा स्नेह लुटा देते हैं, फिर भी कई लोग अपनी संतान को अच्छे संस्कार नहीं दे पाते हैं। बच्चे माता-पिता के प्रेम का लाभ उठाता हैं तो गलती माता-पिता की ही होती है। बच्चों को पूरा दोष देना गलत होता है। ये बात पूरी तरह गलत है कि बच्चों को संस्कारी और योग्य बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधनों और पूंजी की जरूरत होती है। अभाव में भी संतानों को योग्य बनाया जा सकता है।


महाभारत से सीखें संतानों का जीवन कैसे सुधार सकते हैं*

महाभारत में दो तरह की संतानें हैं। पहली कौरव जो पूरे जीवन राजमहलों में रहे, सुविधाएं भोगीं। दूसरी पांडव जिनका जन्म और लालन-पालन जंगल में हुआ। पांडव और माद्री के देह त्यागने के बाद कुंती ने पांडवों को जंगल में अकेले पाला। वो सारे संस्कार दिए जो कौरवों में राजकीय सुविधाओं के बावजूद नहीं थे। दुर्योधन और उसके 99 भाई, सभी कुसंस्कारी निकले। लेकिन युधिष्ठिर और उसके चारों भाई धर्मात्मा थे।


कुंती ने अकेले उनको वो संस्कार* दिए जो कौरवों को महल में भीष्म सहित सारे कौरव परिजन मिलकर भी नहीं दे पाए। अगर आप ये सोचते हैं कि सुविधाओं से बच्चों में संस्कार आते हैं तो यह गलत है। संस्कार हमारे विचारों से आते हैं।


हम हमेशा सिर्फ सुविधाओं की ना सोचें*, कभी-कभी उन्हें अभावों में भी रखने का प्रयास करें, लेकिन अभावों में सुविधाओं के स्थान पर आपका प्यार और संस्कार बच्चों के साथ होना चाहिए। फिर कभी संतानें भटकेंगी नहीं, उनका जीवन सुधर जाएगा और वे हमेशा सुखी रहेंगे।

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad