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Sunday, December 21, 2025

अयोध्या धाम से उठी पेंशनरों की एकजुट राष्ट्रीय आवाज 22 राज्यों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ दो दिवसीय अखिल भारतीय अधिवेशन का भव्य शुभारंभ छत्तीसगढ़ राज्य से 209 प्रतिनिधि शामिल

 अयोध्या धाम से उठी पेंशनरों की एकजुट राष्ट्रीय आवाज



22 राज्यों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ दो दिवसीय अखिल भारतीय अधिवेशन का भव्य शुभारंभ

छत्तीसगढ़ राज्य से 209 प्रतिनिधि शामिल 

सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी। 

अयोध्या धाम-




भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ का चतुर्थ अखिल भारतीय दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 21 एवं 22 दिसंबर 2025 को प्रेमकुंज गार्डन, देवकाली बाईपास, राष्ट्रीय राजमार्ग–28, अयोध्या धाम (उत्तर प्रदेश) में भव्य एवं गरिमामय वातावरण में प्रारंभ हुआ। अधिवेशन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. सतीश सिकरवार, विधायक, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। यह जानकारी महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री वीरेन्द्र नामदेव ने

 बताया कि अधिवेशन में देश के 22 राज्यों से लगभग एक हजार से अधिक पेंशनर प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अधिवेशन में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सी. एच. सुरेश (केरल) के नेतृत्व में देशभर के वरिष्ठ पेंशनर नेता, पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित हैं।

अधिवेशन में पेंशनरों से जुड़े ज्वलंत एवं दीर्घकालिक मुद्दों पर गंभीर, सार्थक एवं निर्णायक चर्चा हो रही है। प्रमुख मांगों में केंद्र सरकार द्वारा घोषित महंगाई भत्ता/महंगाई राहत (डीए/डीआर) को सभी राज्यों में समान तिथि एवं समान दर से तत्काल लागू करना, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के मध्य राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 को समाप्त कर वर्षों से चले आ रहे वित्तीय विवाद का स्थायी समाधान, वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल किराया रियायत को पुनः बहाल करना तथा राजस्थान मॉडल की तर्ज पर पेंशनरों को मासिक मेडिकल भत्ता एवं कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना प्रमुख रूप से शामिल है।

इसके अतिरिक्त अधिवेशन में पेंशनर के निधन पर न्यूनतम 10,000 रुपये की अंतिम संस्कार सहायता, राज्य परिवहन एवं अन्य बस सेवाओं में वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा रियायत, हवाई यात्रा में भी रियायत, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रतिमाह करने तथा प्रत्येक चार वर्ष में पेंशनरों के लिए भारत भ्रमण (एलटीसी) सुविधा बहाल करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी ठोस प्रस्ताव पारित किए जाने हैं।

अधिवेशन के प्रथम दिवस देश के 22 राज्यों से आए महासंघ के राज्य अध्यक्षों एवं महामंत्रियों द्वारा अपने-अपने राज्यों की पेंशनर संबंधी गतिविधियों, समस्याओं, आंदोलनों एवं सरकारों की नीतियों पर आधारित विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए। इन प्रतिवेदनों के माध्यम से राज्यों में पेंशनरों की वास्तविक स्थिति, प्रशासनिक उदासीनता तथा लंबित मांगों की स्पष्ट तस्वीर सामने आई।

अधिवेशन को महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सी. एच. सुरेश (केरल), राष्ट्रीय महामंत्री श्री बी. एस. हाडा (राजस्थान), श्रीमती गीता भारद्वाज, श्री बी. के. वर्मा (छत्तीसगढ़), श्री घनश्याम शर्मा (हिमाचल प्रदेश) तथा श्री भीम सेन सागर (उत्तर प्रदेश) ने संबोधित किया। वक्ताओं ने एक स्वर में पेंशनरों के अधिकारों की रक्षा, सम्मानजनक जीवन, सामाजिक सुरक्षा की गारंटी तथा राष्ट्रीय स्तर पर संगठित, शांतिपूर्ण एवं सशक्त आंदोलन को और अधिक मजबूत करने का आह्वान किया।

अधिवेशन के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रव्यापी संदेश “आत्मनिर्भर भारत” एवं “हर घर स्वदेशी – घर-घर स्वदेशी” विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में वरिष्ठ नागरिकों की भूमिका, अनुभव एवं योगदान पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया।

महासंघ ने विश्वास व्यक्त किया है कि अयोध्या धाम की पावन भूमि पर आयोजित यह राष्ट्रीय अधिवेशन पेंशनरों के अधिकार, सम्मान एवं सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के समाधान के साथ-साथ भावी राष्ट्रीय रणनीति के निर्धारण की दिशा में एक ऐतिहासिक एवं निर्णायक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

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