Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Wednesday, December 10, 2025

मानवाधिकार दिवस,हर व्यक्ति के भय मुक्त सहज जीवन जीने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।

 मानवाधिकार दिवस,हर व्यक्ति के भय मुक्त सहज जीवन जीने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। 




सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी। 

 हर साल 10 दिसंबर का दिन पूरे विश्व में विश्व मानवाधिकार दिवस (World Human Rights Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (Universal Declaration of Human Rights - UDHR) को अपनाने की ऐतिहासिक तिथि को चिह्नित करता है। यह घोषणापत्र इतिहास में एक मील का पत्थर है, जिसने पहली बार दुनिया भर में सभी मनुष्यों के मौलिक, अलঙ্ঘनीय अधिकारों को स्थापित किया। UDHR में 30 ऐसे अनुच्छेद शामिल हैं, जो हर व्यक्ति के बुनियादी अधिकारों—जैसे जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, और उत्पीड़न से मुक्ति का अधिकार—की गारंटी देते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका के बाद, यह घोषणापत्र इस मूलभूत सिद्धांत पर आधारित* था कि सभी मनुष्य गरिमा और अधिकारों में स्वतंत्र और समान पैदा हुए हैं, और यह वैश्विक शांति और प्रगति की आधारशिला बना।


मानवाधिकार दिवस का महत्व और प्रासंगिकता


मानवाधिकार दिवस मनाना केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए न्याय, सम्मान और समान अवसर सुनिश्चित करने की एक वैश्विक प्रतिबद्धता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि दुनिया के कई हिस्सों में आज भी लाखों लोग गरीबी, भेदभाव, युद्ध और तानाशाही के कारण अपने मौलिक अधिकारों से वंचित हैं। यह सरकारों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों को उनके कर्तव्यों का स्मरण कराता है कि वे इन अधिकारों की रक्षा और प्रचार करें। यह घोषणापत्र राजनीतिक अधिकारों के साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को भी शामिल करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और काम का अधिकार भी मानव गरिमा के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता।


वर्तमान चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा


आज की दुनिया में, मानवाधिकारों के सामने कई नई और पुरानी चुनौतियाँ मौजूद हैं। जलवायु परिवर्तन, महामारी, डिजिटल निगरानी और ऑनलाइन नफरत भरे भाषण जैसे मुद्दे मानवाधिकारों की नई सीमाओं को परिभाषित कर रहे हैं। शरणार्थी संकट और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में मानवाधिकारों का हनन एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। विश्व मानवाधिकार दिवस हमें इन चुनौतियों पर सामूहिक रूप से विचार करने और ठोस कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना, सक्रिय रूप से मानवाधिकारों की वकालत करने के लिए प्रेरित करना और एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहाँ हर व्यक्ति भय और अभाव के बिना अपना जीवन जी सके। यह हमें अपने अधिकारों का उपयोग करने के साथ-साथ दूसरों के अधिकारों का सम्मान करने की जिम्मेदारी भी सिखाता है।

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad