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Saturday, June 12, 2021

*अपराधों का गढ़ बना छत्तीसगढ़ “जनता मांग रही है जवाब"-किरण देव*

 लोकेशन-सुकमा

संवाददाता-संजय सिंह भदौरिया

अपराधों का गढ़ बना छत्तीसगढ़ “जनता मांग रही है जवाब"-किरण देव

कांग्रेस सरकार के ढ़ाई साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर भाजपा ने दागे सवाल, भाजपा के प्रदेश महामंत्री किरण देव्  ने कहा : अपराधों का गढ़ बना छत्तीसगढ़ “जनता मांग रही है जवाब – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जवाब दो, सवाल करने पर नाराजगी मत दिखाओ,ढ़ाई साल का हिसाब दो”

कांग्रेस सरकार के ढ़ाई साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर भाजपा ने दागे सवाल,  ने कहा : अपराधों का गढ़ बना छत्तीसगढ़ और कांग्रेसी कह रहे है गड़बो नवा छत्तीसगढ़

 भूपेश सरकार के ढाई साल का कार्यकाल 17 जून को पूरा हो जाएगा। प्रदेश सरकार के ढाई साल पूरे होने को लेकर आज प्रदेश भर में भाजपा ने प्रेस वार्ता ली। इसी कड़ी में सुकमा पहुंच कर प्रदेश महामंत्री भाजपा किरणदेव ने प्रेसवार्ता को संबोधित कर प्रदेश सरकार पर सवाल दागते हुए कई आरोप भी लगाए। उन्होंने सर्वप्रथम बस्तर में किये गये भाजपा के कार्यों पर अपना ठप्पा लगाने के विषय पर कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल ख़त्म हुआ, अब इस सरकार की उल्टी गिनती पूरी तरह शुरू हो गयी है। ढाई वर्ष का यह कालखंड जनता से किये सभी वादे को तोड़ने, धोखाधड़ी, विश्वासघात और अराजकता के काले अध्याय के रूप में ही जाना जाएगा। पवित्र गंगाजल हाथ में ले कर किये गए तमाम घोषणाओं की जिस तरह इस सरकार ने अवहेलना की है, वैसा अन्य उदाहरण देश में कोई और नहीं है। उन्होंने मौजूदा प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर उनके घोषणा पत्र पर बिंदुवार सवाल उठाए।

*जब दवा की जरूरत थी शराब की घर पहुंच सेवा शुरू कर दी*


सर्वप्रथम पूर्ण शराबबंदी पर कहा कि पूर्ण शराबबंदी की बात करने वाली सरकार आज जब कोविड के दौरान दवा,जरूरत के सामान व अन्य सामग्री  की आवश्यकता लोगों को थी तो इन्होंने शराब की होम डिलीवरी  शुरू कर दी कांग्रेस की विफलताओं की गाथा अनंत है. शराब के मामले में इस सरकार का जो आचरण रहा है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाय, वह कम है. अक्सर ऐसा लगा कि शराब बेच कर अवैध कमाई करना ही सरकार का अकेला लक्ष्य रह गया है. पूर्ण शराबबंदी का वादा करने वाली सरकार ने शराब को होम डिलीवरी शुरू कर दी, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है? इसके प्रदेश में इतने दुष्प्रभाव रोज दिख रहे हैं. अभी-अभी महासमुंद में एक ही परिवार में छः  लोगों के आत्महत्या की ह्रदय विदारक ख़बरें आयी, जिसके मूल में भी शराब को ही कारण बताया जा रहा है. ऐसे ही कितने परिवार इस शराब के कारण बर्बाद हो चुके है, शराब के ऐसे दुष्प्रभावों पर भी इन्हें शर्म नहीं आयेगी? कोरोना के कठिन समय में जब व्यक्ति इलाज़ के लिए परेशान था, तब दवा के बदले दारू घर-घर पहुचाना जिस शासन की प्राथमिकता हो, उसे और क्या कहें?

*छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था बदहाल*


कानून व्यवस्था पर  उन्होंने कहा कि सभी जानते है कि शान्ति का टापू रहा अपना छत्तीसगढ़ देखते ही देखते अपराधगढ़ में बदल गया है. प्रदेश को अराजकता और अत्याचार का पर्याय बना दिया गया है. रोज यहां औसतन 7 बलात्कार हो रहे. शासन के ही आंकड़े के अनुसार पिछले दो वर्ष में प्रदेश में 1828 हत्या, 1281 हत्या के प्रयास, 4939 बलात्कार, 12862 चोरी, 133 डकैती और 855 लूटपाट के मामले दर्ज किये गए हैं. यह तो किसी भी तरह दर्ज हो गए मामले हैं, इससे कई गुना मामले ऐसे होंगे जो दर्ज ही नहीं हो पाए हैं. मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के विधानसभा क्षेत्र पाटन के बठेना गांव में एक ही परिवार के पांच व्यक्ति के संदिग्ध मृत्यु. घर से पांच पृष्ठ का एक सुसाइड नोट भी बरामद होने का दावा पुलिस का, जिसमें कथित तौर पर कर्ज और सूदखोरों की ओर से मिल रही प्रताड़ना का जिक्र है. इससे पहले दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हो गई थी।

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का संरक्षण प्राप्त कोरवा जनजाति की नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और पिता-बहन समेत उनकी नृशंस हत्या। जशपुर की बेटी को छः बार अलग-अलग लोगों के हाथ बेचना और सातवीं बार में अंततः युवती ने आत्महत्या कर ली। केशकाल में नाबालिग आदिवासी किशोरी 7-7 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म, कहीं से न्याय नहीं मिलने पर उसने आत्महत्या भी कर ली. किशोरी के पिता ने भी आत्महत्या की कोशिश की, तब मामला प्रकाश में आया. इससे पहले प्रदेश के सरगुजा संभाग के धरमजयगढ़ में कांग्रेस नेता और पूर्व जनपद सदस्य, कोल माफिया अमृत तिर्की द्वारा किये दुष्कर्म की बात हो, सुकमा, या छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों की नृशंस घटना हो. नर्रा, महासमुंद में हुए वारदात की बात हो या अन्य हज़ारों मामले, कहीं भी शासन के किसी जिम्मेदार व्यक्ति को फर्क नहीं पड़ा।

*किसानों के साथ हो रहा अन्याय*


किसानों के कर्ज़ माफी का वादा पर कहा कि  हालात आज यह हैं कि प्रदेश में रोज करोड़ों का कर्ज़दार बनाया जा रहा है. इस सरकार ने हर महीने हज़ार करोड़ से अधिक का क़र्ज़ लेकर हम सबको हमेशा के लिए कर्जदार बना दिया है। कहां तो किसानों को क़र्ज़ मुक्त करने की बात थी, कहां पूरे प्रदेश को ही क़र्ज़ के जाल में उलझा दिया. राज्य की प्रतिभूति (बांड) को भी नीलाम कर दिया. पूरे प्रदेश की ज़मीन नीलाम कर रहे. घोषणा पत्र में स्पष्ट वादा करने के बावजूद किसानों के दो साल के बकाये बोनस का भुगतान नहीं किया। धान का रकबा लगातार मनमाने तरीके से कम किया जा रहा है. किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. पिछले ढाई वर्षों में करीब 300 किसानों ने आत्महत्या की है. केवल 10 महीने में 141 किसानों की आत्महत्या की बात तो शासन ने स्वीकारी है लेकिन किसी को भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया.  क़र्ज़ के कारण किसानों की आत्महत्या आदि की लगातार आ रही ख़बरों ने प्रदेश को शर्मसार किया है. केंद्र सरकार लगातार समर्थन मूल्य बढ़ा रही है लेकिन इसका भी लाभ प्रदेश को नहीं दिया जा रहा है. केंद्र ने डीएपी में सब्सिडी बढ़ा दी, इसका लाभ भी यहां किसानों को नहीं दिया जा रहा. किसान सम्मान निधि के लिए केंद्र को जानकारी नहीं दी जा रही है, उसे जान बूझ कर रोका जा रहा है।

*पीएम आवास योजना में लापरवाही*


उन्होंने पीएम आवास योजना पर कहा कि कांग्रेस सरकार का वादा था हर भूमिहीन परिवार को ज़मीन. सबके सर पर छत. कब्जाधारी को पट्टा देंगे पर स्वयं कुछ न कर.  मोदी सरकार के द्वारा प्रदेश को दिए 6 लाख आवास में से 4 लाख 80 हज़ार आवास कांग्रेस ने वापस कर दिया. छत्तीसगढ़ियों के हक़ पर डाका डालने वाली, उन्हें मिले छत तक हड़प लेने वाली कांग्रेस की इस सरकार की जितनी निंदा की जाय, वह कम है. 

*चावल घोटाले की मांग*


उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के  द्वारा दी गयी तमाम राहतों को दुराग्रहवश लोगों तक नहीं पहुँचने देने का अभियान चलाया हुआ है कांग्रेस ने., केंद्र सरकार अब कोविड काल में दीपावली तक मुफ्त राशन देगी। लेकिन पिछले दो महीने का राशन उठा लेने के बावजूद शासन ने उसे वितरित नहीं किया. सारा चावल भूपेश सरकार खा गयी. आगे भी दीपावली तक बढ़ा हुआ चावल देगी या नहीं इसमें संदेह है. भाजपा इस ‘चावल घोटाले’ की भी जांच की मांग करती है।

*रोजगार देने वाली कांग्रेस सरकार बेरोजगारों के आवाज उठाने पर जेल भेजने की धममी दे रहे है*


 हर घर रोजगार और एक लाख शासकीय नौकरी का वादा करने वाली इस सरकार ने मुट्ठी भर रोजगार भी नहीं दिए. पीएससी में अराजकता चरम पर है. दर्ज़नों सवाल ग़लत पूछे जा रहे हैं. साढ़े बारह हज़ार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की प्रताड़ना. उनके साथ बर्बरता से पेश आ रही है भूपेश सरकार. उन्हें नौकरी दे देने का झूठ भूपेश बघेल द्वारा लगातार बोला गया जबकि आवाज़ उठाने पर भविष्य खराब करने, जेल भेजने की धमकी दी जा रही है. युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, किसानों को पेंशन, बुजुर्गों को पेंशन आदि पर अब शासन चुप है. छत्तीसगढ़ में करीब 25 लाख युवा बेरोजगार पंजीकृत है. कांग्रेस 10 लाख बेरोजगारों को 2500 रूपये बेरोजगारी भत्ता देने के नाम से सत्ता में आई थी. लेकिन इन युवाओं को अब तक भत्ता नहीं मिला. निराशा इतनी है कि युवा आत्महत्या तक कर रहे हैं. प्रदेश में 5 हजार युवाओं को नौकरी से निकाला भी गया है।

. राजनीतिक दुर्भावना के चलते केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को लटकाने वाले, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह  के समय से स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रारम्भ स्मार्ट कार्ड को बंद करने कर लोगों के अधिकार से खिलवाड़ किया व

प्रदेश को मिले टीके में से 30 प्रतिशत से अधिक को बर्बाद कर देने का कलंक इस सरकार के सर पर है. इस तरह देश भर में दूसरा सबसे अधिक टीका बर्बाद करने वाला प्रदेश बना छत्तीसगढ़.

 

*भ्रष्टाचार एवं माफिया राज चरम पर*

 महासमुंद में ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ के लिए उपहार सामग्री ‘रेडी टू ईट’ सामग्री खरीद में भ्रष्टाचार पर कहा कि  अब साबित हो गया है.की इस भ्रास्टाचार लेकर महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले को धरना और अनशन पर बैठना पड़ा था. ऐसे मामले पर भी ध्यान देने के बदले कांग्रेस सरकार ने घर पर अनशन कर रहे अधिकारी को ही गिरफ्तार  कर लिया. केवल इन दो मामलों में ही 30 लाख से अधिक के भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है. ऐसे में अगर पूरे दो-ढाई वर्ष में प्रदेश के सभी जिलों में हुए खरीदी की जांच की जाय तो सैकड़ों करोड़ के घोटाले की आशंका केवल एक विभाग में हो सकती है. अन्य विभागों की कल्पना की जा सकती है की उनकी स्तिथि क्या होगी।

प्रदेश में रेत माफिया, शराब माफिया, भू माफिया, हाथी माफिया, कोयला माफिया, ड्रग माफिया, जंगल माफिया… समेत हर तरह के माफियाओं की पौ बारह हैं और न केवल कांग्रेस का इन सबको संरक्षण है बल्कि अनेक मामलों में स्वयं कांग्रेस के नेतागण इसमें संलिप्त हैं. विरोध करने वाले भाजपा के प्रतिनिधियों के साथ बर्बर हिंसा तक से बाज़ नहीं आ रहे ये माफिया. धमतरी में ऐसे ही कांग्रेस संरक्षित माफिया द्वारा भाजपा के जन प्रतिनिधि की पिटाई की गयी. छग शासन के सिस्टम में राष्ट्रद्रोही तत्वों का घुस आना चिंता की बात है 

प्रदेश भर में असहमति के आवाजों का दमन, महज़ ट्वीट करने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह  पर मुकदमा लाद दिए गए. बार-बार घर पर पुलिस भेजकर अपमानित किया गया. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ अनेक बार मुक़दमे. आलोचना करने वालों की प्रताड़ना. मीडिया जगत के लोगों पर बर्बर आक्रमण. कांग्रेस के नेताओं द्वारा पत्रकारों की बर्बर पिटाई. सोशल मीडिया पर किये गए अभिव्यक्ति तक के कारण राजद्रोह का मुकदमा आदि दर्ज किया जा रहा है। इस तरह की अराजकता और आतंक फैलाने की कोशिश हो रही है मानो यहां शासन ही माफिया का हो गया हो। दुखद है यह सब।

*नीति आयोग के रिपोर्ट में भी कांग्रेस सरकार फिसड्डी*


नीति आयोग की रिपोर्ट में भी लगभग सभी संकेतकों पर कांग्रेस सरकार फिसड्डी साबित हुई है, फिर भी डींगें हांकने से ये बाज नहीं आ रहे। वास्तव में इस सरकार को सत्ता में अब एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है। विधानसभा चुनाव के मात्र छः महीने बाद हुए आम चुनाव में ही छत्तीसगढ़ की जनता ने इन्हें बता दिया था कि इन्होंने जनता का समर्थन खो दिया है। वास्तव में यह सरकार जनाधार के साथ-साथ विश्वास और मानवता भी खो चुकी है।

प्रेसवार्ता के दौरान प्रमुख रुप से जिला अध्यक्ष हूँगाराम, पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज देव्,अरुण सिंह भदौरिया, महामंत्री संजय शुक्ला एवं महेंद्र सिंग भदौरिया ,भुवनेश्वरी यादव,चन्द्रिका गुप्ता आदि उपस्थित रहे




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