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Sunday, February 16, 2025

छत्तीसगढ़ का अनमोल खजाना ,293 मिलियन साल पुराने समुद्री जीवाश्मों का राज खोलता गोंडवाना मरीन फांसिल पार्क ।

 छत्तीसगढ़ का अनमोल  खजाना   ,293 मिलियन साल पुराने समुद्री जीवाश्मों का राज खोलता गोंडवाना मरीन फांसिल पार्क ।      



           सी एन आइ न्यूज -पुरुषोत्तम जोशी । छ.ग.प्रदेश-प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर छत्तीसगढ़ में घूमने-फिरने के लिए कई शानदार जगहें हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम पारंपरिक पर्यटन स्थलों से आगे बढ़कर राज्य के एक अनमोल खजाने गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को जाने। 




मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में स्थित यह पार्क एशिया का सबसे बड़ा समुद्री जीवाश्म उद्यान है, जो पृथ्वी के 293 मिलियन साल पुराने इतिहास की झलक दिखाता है। यह वह दौर था जब आज का यह भूभाग एक ठंडे समुद्र के नीचे डूबा हुआ था। यह जीवाश्म पार्क केवल अतीत की कहानी नहीं बताता, बल्कि भारत की भूगर्भीय विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का अवसर भी प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ सरकार इस अनमोल धरोहर को दुनिया के सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे यह स्थान वैज्ञानिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो सके।


इस पार्क की खोज 1954 में भूवैज्ञानिक एस.के. घोष ने कोयला खनन के दौरान की थी। इसकी खासियत न सिर्फ इसका विशाल क्षेत्रफल है, बल्कि यह भारत का एकमात्र ऐसा समुद्री जीवाश्म पार्क है जिसे राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक का दर्जा प्राप्त है। यहां से द्विपटली (बायवेल्व) जीव, गैस्ट्रोपॉड, ब्रैकियोपॉड, क्रिनॉइड और ब्रायोज़ोआ जैसे समुद्री जीवों के जीवाश्म मिले हैं। ये जीवाश्म तालचिर संरचना से संबंधित हैं, जो पर्मियन युग के शुरुआती दौर को दर्शाते हैं।


शोधकर्ताओं का मानना है कि यह क्षेत्र समुद्री जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि के कारण समुद्र में डूब गया था। ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ा और इस क्षेत्र में समुद्री जीवन का जमाव हुआ। बाद में जब जलस्तर घटा, तो ये समुद्री जीव चट्टानों में दब गए और लाखों वर्षों में जीवाश्म के रूप में बदल गए।


गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क केवल छत्तीसगढ़ या भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक स्थल है।              मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार इस जीवाश्म पार्क के  विकास के लिए गंभीर प्रयास कर रही है ।इसके सौंदर्यकरण कै लिए 41.99 लाख रुपए स्वीकृत किए गए है ।पार्क के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और इसे पर्यटन व अनुसंधान के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने की योजनाएं बनाई जा रही है ।

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