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Friday, December 24, 2021

रायपुर में दो दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ कल से



अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर - प्रदेश में कई जगहों से लगातार आने वाली धर्म परिवर्तन की चर्चाओं और घटनाओं के बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित रावणभांठा में कल 25 दिसंबर से दो दिवसीय धर्म-संसद 2021 का आयोजन किया गया है। इस धर्म संसद का आयोजन  श्रीनीलकंठ सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ के तत्वावधान एवं समस्त हिन्दू संगठन के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक गौ सेवा आयोग छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष महंत डा० रामसुंदर दास हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य धर्म परिवर्तन रोकने के साथ ही हजारों साल पुरानी सनातन परंपरा से ऋषि और कृषि संस्कृति को जन -जन तक पहुंचाना है। इस धर्म संसद के मंच से देश भर के आये हुये संत महात्माओं द्वारा सनातनियों को दिशा-निर्देश , मार्गदर्शन दिया जायेगा। इसमें धर्मांतरण , सनातन धर्म के दुष्प्रचार पर रोक और अन्य टिप्पणियों पर देश भर के साधु-संत अपना पक्ष रखेंगे। इसके अलावा भी इस मंच से कई अहम निर्णय लिये जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि रायपुर में पहली बार धर्म संसद का आयोजन वर्ष 1974 में हुआ था। इसमें यतिचक्रचूड़ामणि धर्मसम्राट स्वामी श्रीकरपात्री महाराज सहित चारों शंकराचार्य शामिल हुये थे। उस समय माता सीता की अग्नि परीक्षा को लेकर टिप्पणी की गई थी।

 इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये श्रीनीलकंठ सेवा संस्थान के संस्थापक पं० नीलकंठ त्रिपाठी ने अरविन्द तिवारी को बताया कि इस बार पुन: आयोजित धर्म संसद के प्रथम दिवस कल 25 दिसंबर शनिवार को प्रात: दस बजे से दोपहर बारह बजे तक अखाड़ो एवं मठ के महंतो द्वारा निशान (शोभा यात्रा) एवं भव्य कलश यात्रा दूधाधारी मठ से कार्यक्रम स्थल रावणभाठा ग्राउंड तक निकलेगी। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर दोपहर 12:30 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित एवं पुरोहितो के मंत्रोच्चार से होग। फिर दोपहर एक बजे कार्यक्रम के आयोजक एवं समिति द्वारा संतों का सम्मान एवं पूजा अर्चना किया जायेगा। इसके बाद दोपहर 01:30 बजे संतो एवं आयोजक समिति के सदस्यों का परिचय होगा। परिचय के पश्चात दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक संतों , पुरोहितो एवं भागवताचार्यों के साथ अहम् मुद्दो में परिचर्चा होगी। इसके बाद धर्म संसद के प्रथम दिवस की अंतिम कड़ी में शाम पांच बजे से हरि इच्छा तक भजन संध्या का कार्यक्रम होगा। इसी तरह धर्म संसद की द्वितीय और अंतिम दिवस यानि 26 दिसम्बर रविवार को प्रथम पाली में प्रात: दस बजे से दोपहर दो बजे तक संतों का व्याख्यान होगा। वहीं द्वितीय पाली में दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक पुनः संतों का व्याख्यान और सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित है। श्रीनीलकंठ सेवा संस्थान के संस्थापक पं० नीलकंठ त्रिपाठी ने पत्रकार वार्ता कर प्रदेश भर के सभी हिंदू सनातन धर्म से जुड़े लोगों को इस धर्म संसद में आने का विनम्र आमंत्रण पत्र दिया है।

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