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Tuesday, May 10, 2022

गुदमा के हाईटेक बैगा किसानों को राज्यपाल श्री पटेल ने किया सम्मान

 



(शिवशंकर पाण्डेय बालाघाट रिपोर्टर)


बालाघाट - जिले में निवास करने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के दो किसानों ने “वन ड्राप मोर क्राप” के सिद्धांत को अपना कर कमाल कर दिया है। दो साल पहले काम की तलाश में अन्य राज्यों में परिवार सहित पलायन करने वाले इन दोनों किसानों नें कम समय में ही सब्जियों की हाईटेक खेती कर इतनी कामयाबी हासिल कर ली है कि वे अब दूसरे लोगों को अपने खेतों में रोजगार देने लगे है। इन दोनों किसानों को 08 मई को परसवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया है।


     बिरसा विकासखंड के ग्राम पंचायत गुदमा के ग्राम बासिनखार के समारू सिंह बैगा एवं बजारी बैगा ने अपने परिवार की 3 वर्ष मजदूरी क़ो जोड़-जोड़ कर एवं अपने पालतु पशुओं व आभूषणों को बेचकर लगभग 2.50 लाख रुपये की स्वयं की बचत राशि एकत्र की और उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन मे वर्ष 2021 के जायद मौसम मे बिना किसी विभाग के अनुदान के, सिंचाई स्रोत ट्यूब वेल, विद्युत पम्प, बिजली कनेक्शन, एक एकड़ मे ड्रिप, मल्चिंग, हाइब्रिड करेला बीज लगाकर 120 क्विंटल करेला का उत्पादन किया है और दोनों किसानों ने लगभग 03 लाख रुपये की आय अर्जित की है।


     जो बैगा कृषक 2 वर्ष पूर्व प्रदेश के बाहर पूरे परिवार के साथ पलायन कर दूसरे के यहां पर मजदूरी करते थे, आज उनके खेत मे अन्य सामान्य जाति के श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। उद्यानिकी विभाग की प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना में 55 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर इन किसानों ने पुन: अतिरिक्त भूमि में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगा ली है और अब 2 एकड़ मे हाई टेक व्यसायिक खेती कर रहे है। यह किसान अपने बैगा समाज को अन्य प्रदेश मे मजदूरी से रोक कर स्वयं के खेत आत्म निर्भर होकर खेती की सलाह दे रहे है।


     इन किसानों की सफलता से प्रेरित होकर बासिनखार गांव के 17 किसान जो हर वर्ष तेलंगाना मजदूरी करने जाते थे, अब मनरेगा के अंतर्गत निजी फलोद्यान परियोजना से उन्नत प्रजाति के फलोद्यान लगाने का कार्य प्रारंभ कर रहे है। उनके द्वारा उद्यानिकी विभाग के सहयोग से आम, लीची, नारियल तथा सब्जी में करेला, भिंडी, हल्दी के साथ ही विलुप्त फल एवं सब्जियों की किस्मों का संवर्धन किया जायेगा।

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